The Greatest Guide To Shodashi

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Oh Lord, the learn of universe. You are classified as the Everlasting. You would be the lord of many of the animals and all of the realms, that you are The bottom of your universe and worshipped by all, without you I'm nobody.

इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?

कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।

During the context of electricity, Tripura Sundari's magnificence is intertwined together with her power. She is not merely the symbol of aesthetic perfection but additionally of sovereignty and overcome evil.

When Lord Shiva listened to regarding the demise of his spouse, he couldn’t Handle his anger, and he beheaded Sati’s father. Nonetheless, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s life and bestowed him using a goat’s head.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥

Devotees of Tripura Sundari have interaction in many rituals and practices to precise their devotion and seek her blessings.

देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥

नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः

When you are chanting the Mantra for a selected intention, produce down the intention and meditate on it five minutes ahead of commencing Using the Mantra chanting and 5 minutes once the Mantra chanting.

The entire world, like a manifestation of Shiva's consciousness, retains The crucial element to liberation when 1 realizes this basic unity.

तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता get more info है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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